कल टी वी पर न्यूज़ देखकर मेरा मन ब्यथित हो गया क्योकि गाज़ियाबाद ज़िले की लड़की ने टीचर की प्रताड़ना से त्रस्त होकर आत्म हत्या कर ली और माता पिता कुछ नही कर सके।
दूसरी घटना अन्य ज़िले की थी जहाँ स्टूडेंट ने पढ़ाई के लिए स्कुल के साथ साथ घर वालों का दबाव सहन न कर पाने के कारण जीवन लीला ही समाप्त कर लिया।
वास्तविकता यह है कि ज्योतिष की आवश्यकता इसी लिए है क्योंकि ज्योतिष ही एक ऐसा विज्ञानं है जोकि बच्चों के जन्मतिथि के विवरण के आधार पर भविष्य मे होने वाली घटनाओं के बारे में मार्गदर्शन पूर्व से ही कर देता है।
यह परम् सत्य है कि
ब्रम्हा ने जो लिख दिया ।
छठी रात के अंग ।।
राइ बढ़े, न तिल घटे ।
रहियो जीव निशंक ।।
लेकिन कम से कम जानकारी करके एक सीमा तक उपाय करके उस होने वाली घटना के इम्पैक्ट को काफी कम किया जा सकता है ज्योतिष के वैदिक उपायों को करके।
बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बनाने के बजाय उसकी कुंडली विश्लेषण करवाएं और जो ग्रह बाधा पैदा कर रहा है, उसका उपाय करने की कोशिश करें अन्यथा यही स्थितियां सामने आती रहेंगी।
कल मैं कुछ विशेष इसी विषय पर पुनः लिखूंगा जिससे आम लोगों की जिज्ञासा पूर्ण हो सकेगी।
सधन्यवाद
हरि ओम्।